Facts About बबूल के फायदे और नुकसान Revealed





इसके गोंद के सेवन से पेट और आंतो में होने वाली पीड़ा दूर होती है।

बबूल गोंद के इस्तेमाल से पेट संबंधी विकारों से छुटकारा पाया जा सकता है। दही में बबूल गोंद को मिलाकर इसका सेवन करने से पेट संबंधी समस्याओं से जल्द राहत मिलती है। इस मिश्रण में फाइबर एवं बिफिदोबैक्टीरियम लैक्टिस के गुण पाए जाते हैं जो हमें कब्ज, अपच, एसिडिटी, पेट फूलने एवं पेट दर्द जैसी समस्याओं से बचा सकते हैं। इसके सेवन से हमें मल त्यागने में आसानी होती है।

इसके गोंद को पानी में डालकर उसकी पिचकारी देने से मूत्राशय की सूजन, सुजाक की जलन और पीब रुक जाता है।

बबूल की छाल को चबाने से ढीले दांत मजबूत होते है। यह मसूड़ों से खून आना भी रोकता है।

बबूल की टहनी से रोजाना दांत साफ करने से दांतों में होने वाली कई तरह की परेशानी से बचा जा सकता है। इसलिए तो लंबे टाइम से आज भी गांव में लोग बबूल के दातुन का इस्तेमाल करते आ रहे हैं।

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बबूल की फली का छिलका और बादाम के छिलके की राख में नमक मिलाकर मंजन करने से दांतों की सभी प्रकार की पीड़ा मिटती है।

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बबूल के पत्ते के रस को छाछ में मिलाकर पिलाने से हर प्रकार के दस्त पर रोक लगती है।

पेट के दर्द से आराम पाने के लिए बबूल के फल को भून लें। इसका चूर्ण बनाकर, उबले हुए जल के check here साथ सेवन करें। इससे पेट दर्द से राहत मिलती है।

यह लम्बा, झाड़ीदार और कांटेदार वृक्ष होता है। इसके कांटे लम्बे तथा तीखे होते हैं। इसके पत्ते बबूल के पत्तों जैसे होते हैं, लेकिन उससे कुछ बड़े और गहरे हरे रंग के होते है। इसके फूल पीले रंग के होते हैं। इसकी फलियां लम्बी होती हैं। फलियां कच्ची अवस्था में हरे रंग की, चपटी तथा मुड़ी हुई होती हैं।

बहुत लोग अधिक पसीना आने की वजह से काफी ज्यादा परेशान रहते हैं। तो अगर आप भी इस समस्या से ग्रस्त हैं तो बबूल का उपयोग करके देखें। आपको इसका लाभ जरूर मिल सकता है।

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